संसद सुरक्षा चूक के मामले में दिल्ली पुलिस ने हमले के मास्टरमाइंड ललित मोहन झा को गिरफ्तार कर लिया है। ललित मोहन झा ने देर रात खुद ही थाने पहुंचकर समर्पण किया। बता दें चार अन्य आरोपियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने आतंकवाद निरोधक कानून के साथ IPC की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इस घटना का मुख्य साजिशकर्ता ललित मोहन झा ही है जो अब तक फरार चल रहा था। जिसे पकड़ने के लिए पुलिस कई स्थानों पर दबिश डाल रही थी। बता दें यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है जो गैर जमानती है। हालांकि मास्टरमाइंड ललित झा ने राजस्थान से दिल्ली आकर सरेंडर तो कर दिया लेकिन इससे पहले उसने चारों आरोपियों के मोबाइल फोन को नष्ट कर दिये थे। ऐसे में पुलिस को किसी बड़ी साजिश का शक है। जांच को भटकाने के लिए संभवत: उसने ऐसा किया है।
- संसद सुरक्षा चूक मामला
- सरेंडर से पहले मिटाए सभी सबूत
- चारों मोबाइल किये नष्ट
- राजस्थान से सरेंडर करने दिल्ली आया ललित
- बड़ी साजिश का हिस्सा तो नहीं ये स्प्रे कांड?
- यूएपीए के तहत मामला किया गया दर्ज
- दिल्ली पुलिस को मिली बड़ी सफलता
- मास्टरमाइंड ललित मोहन झा का सरेंडर
- सरेंडर से पहले झा ने नष्ट किये चारों के मोबाइल
- जांच को भटकाने का प्रयास तो नहीं
- राजस्थान से दिल्ली आकर किया सरेंडर
- संसद पहुंचने से पहले आरोपी गुरुग्राम में रुके थे
- जुलाई में की थी संसद के सभी इंट्री गेट की रेकी
संसद सुरक्षा चूक के मामले में दिल्ली पुलिस ने उसके मास्टरमाइंड ललित मोहन झा को भी गिरफ्तार कर लिया है। बता दें ललित देर रात स्वयं थाने आया था। पुलिस ने इस मामले में चार और आरोपियों के खिलाफ आतंकवाद निरोधक कानून UAPA और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया है। घटना के बाद से ह मुख्य साजिशकर्ता ललित मोहन झा फरार चल रहा था। जिसे पकड़ने के लिए पुलिस ने कई स्थानों पर दबिश डाली। बता दें यूएपीए के तहत दर्ज मामले गैर जमानती प्रकरण होते हैं। दिल्ली पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार आरोपी ललित मोहन झा घटना का वीडियो बना रहा था। इसके बाद वह मौके से फरार हो गया था। पहले बस से राजस्थान स्थित नागौर पहुंचा। जहां अपने दो दोस्तों से मिला और होटल में रात बिताई। बाद में उसे पता चला कि दिल्ली पुलिस उसे तलाश रही है तो वह बस से दिल्ली आकर थाने में सरेंडर कर दिया।
संसद पहुंचने से पहले गुरुग्राम में गुजारी थी रात
पुलिस सूत्रों की माने तो जांच के दौरान दो और लोगों की भूमिका भी सामने आई है। सभी आरोपियों ने पूर्व से सुनियोजित साजिश के तहत यह सब किया है। विशाल शर्मा उर्फ विक्की को भी पुलिस हिरासत में ले चुकी है। आरोपी संसद पहुंचने से पहले गुरुग्राम के घर पर ही रुके थे। गिरफ्तारी के बाद चारों आरोपियों का मेडिकल परीक्षण कराया गया। जिनमें सागर शर्मा 26 साल, मनोरंजन डी 34 साल, अमोल शिंदे 25 साल और नीलम देवी 37 साल शामिल हैं। अब आरेापी ललित मोहन झा को भी पुलिस ने धरदबोचा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार दिल्ली के संसद मार्ग थाने में आरोपियों के खिलाफ यूएपीए की धारा 16 आतंकवादी कृत्य और 18 साजिश आदि के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी आपराधिक साजिश, 452 अनधिकार प्रवेश, 153 दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना और 186 लोकसेवक के सार्वजनिक कार्य निर्वहन में बाधा डाला के साथा 353 लोकसेवक को उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करने के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
बता दें सागर शर्मा और मनोरंजन डी संसद में शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से कूद गए थे। उन्होंने कैन से पीली गैस उड़ाते हुए नारेबाजी भी की। इस दौरान सदन में मौजूद सांसदों ने उन्हें पकड़कर पहले जमकर पीटा इसके बाद सुरक्षाकर्मी उन्हें अपने साथ ले गए। बुधवार को हुई इस घटना को लेकर संसद के आठ सुरक्षाकर्मियों को निलंबित किया गया है।
इस तरह बनाई प्लानिंग?
जांच अधिकारी ने कहा कि ललित मोहन झा पूरे मामले में मास्टर माइंड है। उसकी अगुवाई की और मनोरंजन को मानसून सत्र के दौरान संसद के सभी इंट्री गेट की रेकी करने का निर्देश दिया था। जुलाई में मनोरंजन झा दिल्ली आकर यहां एक सांसद के नाम पर जारी आंगतुक पास के जरिए संसद के अंदर गया था। इस दौरान उसे पता चला कि आगंतुकों के जूतों की तलाशी नहीं ली जाती है। इसके बाद वे अपने जूते में धुंए वाली कैन को छुपा कर ले गए। संसद परिसर के अंदर और बाहर जिन कैन से आरोपियों ने रंगीन धुआं फैलाया था। वह अमोल महाराष्ट्र के कल्याण से लेकर आया था। पूछताछ में अमोल ने पुलिस अधिकारियों को बताया कि वे दरअसल किसान आंदोलन, मणिपुर हिंसा और बेरोजगारी जैसे मुद्दों से आहत थे। ऐसे में अपनी आवाज संसद तक पहुंचाने के लिए उन्होंने यह कदम उठाया था।