आरजेडी सुप्रीमो और बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव ने परिवार के साथ तिरुपति बालाजी के दर्शन किये। इस दौरान कात्यायनी का भी मुंडन कराया गया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं तस्वीरों को लोग शेयर कर रहे हैं। शेयर की जा रही तस्वीरों में लालू यादव ही नहीं राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, राजश्री और साथ में कात्यायनी दिख रही हैं।
- भगवान बालाजी की शरण में लालू और उनका परिवार
- तेजस्वी ने तिरुपति में कराया बेटी का मुंडन
- नन्हीं कात्यायनी का मुंडन संस्कार
- आज तेजस्वी यादव की मैरिज एनिवर्सरी भी है
- तिरुपति बालाजी में किया स्पेशल पूजा का आयोजन
बिहार के पूर्व सीएम और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अपने परिवार इन दोनों तिरुपति बालाजी की शरण में हैं। वहां बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने अपनी बेटी का मुंडन संस्कार कराया। चार्टर्ड प्लेन से लालू प्रसाद यादव के साथ रावड़ी देवी, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, राज्यश्री यादव तिरुपति पहुंचे। तिरुपति पहुंचकर वहां लालू परिवार ने भगवान बालाजी के दर्शन किए। बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की पुत्री कात्यायनी का मुंडन कार्यक्रम रखा गया था। जहां उसका कात्यानी के बाल भगवान तिरुपति बालाजी के चरणों में अर्पित किए गए। वहीं शनिवार 9 दिसंबर को बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की मैरिज एनिवर्सरी भी है। इस मौके पर उन्होंने स्पेशल पूजा का आयोजन तिरुपति बालाजी में किया है।
तेजस्वी यादव ने तस्वीरों को किया सोशल मीडिया पर शेयर
इससे पहले तेजस्वी यादव ने इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर शेयर किया है। इन खूबसूरत तस्वीरों में तेजस्वी यादव के साथ उनकी पत्नी राजश्री यादव भी हैं। राजश्री की गोद में कात्यायनी दिख रही है। तेजस्वी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि तिरुमाला पर्वत स्थित उत्कृष्ट शिल्प कौशल के अद्भुत उदाहरण और श्रद्धा भक्ति के प्रतीक भगवान श्री तिरुपति बालाजी मंदिर में सपरिवार पूजा-अर्चना की। भगवान बालाजी के दिव्य दर्शन कर सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद लिया। साथ ही मंदिर के गर्भगृह में विराजमान भगवान वेंकटेश्वर से बिहार के समस्त प्रदेशवासियों के सुख, शांति, समृद्धि और कल्याण के लिए मंगल प्रार्थना की।
आध्यात्मिक स्थलों की यात्रा से होता है आत्म-साक्षात्कार
तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि सकारात्मक ऊर्जा उत्सर्जित करने वाले पौराणिक एतिहासिक और आध्यात्मिक स्थलों की यात्रा से ज्ञानार्जन,आध्यात्मिक सांत्वना,आत्म-साक्षात्कार, दिव्य हस्तक्षेप, शुभता, ध्यान और परमात्मा से जुड़ने का जरिया है। साथ ही व्यक्तिगत और सामुदायिक विकास के साथ मानव जीवन के मूल उद्देश्य की गहराई को समझने की चाह रखने वालों के लिए भी यह यात्रा एक तरह से मार्गदर्शन के रूप में भी काम करती है।