भोपाल की पुरानी जेल में सुरक्षा के बीच रखी EVM, पहरा दे रहे प्रत्याशियों के समर्थक
बालाघाट में पोस्ट वॉलेट से छेड़छाड़ का कथित वीडियो का मामला सियासी गर्मियों के साथ भारत निर्वाचन आयोग की दहलीज तक जा पहुंचा है। इस पूरे मामले में चुनाव आयोग ने जांच के निर्देश दिए हैं। वैसे विपक्षी दल कांग्रेस प्रदेश भर में EVM के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाने के साथ शिकायत करती रही है।
वैसे मध्य प्रदेश में सभी राजनैतिक दलों के साथ जनता को 3 दिसंबर का इंतजार है। इंतजार लोकतंत्र के महापर्व के मतगणना का है। जिस दिन 230 विधानसभा के प्रत्याशियों की किस्मत खुलेगी जो ईवीएम में कैद है। उसके पहले डाक मतपत्र और ईवीएम मशीनों को कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है।
पहले में भोपाल की 2049 EVM
3 दिसंबर को खुलेगी किस्मत की यह मशीन
भोपाल में है साथ विधानसभा सीट
जिला जेल में बने स्ट्रांग रूम में रखी है EVM
जेल में होगा प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला!
बात करे भोपाल जिले की तो यहां 7 विधानसभा सीटों की EVM सुरक्षा के सख्त इंतजाम के बीच स्ट्रांग रूम में रखी गई है। जिनकी त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है। थ्री लेयर सुरक्षा घेरे के बाद भी बीजेपी कांग्रेस दोनों ही डाल के प्रत्याशियों के समर्थक स्ट्रांग रूम के बाहर डेरा डाले बैठे हैं। वहीं चुनाव आयोग मतगणना की तैयारी में जुटा हुआ है आईए जानते हैं किस तरह से मतगणना होगी और कितनी EVM भोपाल जिले के लिए उपयोग में लाई गई है।
भोपाल जिले की सात विधानसभा क्षेत्रों की 2049 ईवीएम जिला जेल में बने स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखी हुई हैं। इनकी सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन ने तीन स्तर का घेरा बनाया है। जिसमे 200 सुरक्षा कर्मी के साथ करीब 500 कर्मचारी मतगणना स्थल पर मौजूद रहेंगे।
केंद्रीय पुलिस बल के साथ राज्य की पुलिस 24 घंटे मतगणना स्थल की सुरक्षा में तैनात है। इतना ही नहीं जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर आशीष सिंह भी हर दिन अमले के साथ यहां पर निरीक्षण कर रहे हैं। डाक मतपत्रों और ईवीएम के मतों की मतगणना के लिए 1 हजार 200 कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई है।
आपको बता दे इस बार 3 हजार पुलिस कर्मचारियों के अलावा 8 हजार अधिकारियों कर्मचारियों के मत पत्रों की गिनती होगी जो की महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
सबसे पहले मध्य से होगी शुरुआत
मुख्य निर्वाचन आयुक्त अनुपम राजन ने बताया की अलग अलग विधानसभा अनुरूप टेबल बढ़ाई गई है।
डाक मतपत्र जहां अधिक है वहां टेबलों की संख्या अलग होगी। मतदान की संख्या के अनुरूप टेबलों की व्यवस्था की गई है। आपको बता दें दक्षिण पश्चिम में सरकारी कर्मचारी ज्यादा है। जिसके चलते वहां डाक मत पत्रों की गिनती के लिए पांच , गोविंदपुरा में 4, हुजूर में तीन, बैरसिया , उत्तर विधानसभा और मध्य में 2-2 टेबल लगेंगी। इसके साथ ही प्रत्याशियों के अनुसार ईवीएम मशीनों की मतगणना के दौरान नरेला विधानसभा के लिए 21 टेबल, हुजूर और गोविंदपुरा के लिए 20-20 टेबल, बैरसिया और उत्तर विधानसभा के लिए 16-16 और मध्य के लिए 14 टेबल मतगणना के लिए लगाई गई हैं।
पहले में EVM निगरानी रख रहे सियासी दल
स्ट्रांग रूम में रखी ईवीएम की निगरानी सीसीटीवी कैमरों से की जा रही है। तीन स्तर की सुरक्षा व्यवस्था के लिए जेल परिसर के मुख्य द्वार पर ही बेरिकेडिंग की गई है।
और अस्थायी चौकी भी बनाई गई है। जिसमें आठ-आठ घंटे में सीएसपी, निरीक्षक, उपनिरीक्षक सहित अन्य पुलिसकर्मी तैनात रहते हैंl इस बीच प्रत्याशियों के एजेंट भी लगातार स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा में लगे हुए हैं। गड़बड़ी की आशंका के चलते प्रत्याशियों के एजेंट 24 घंटे बारी बारी से पहरा दे रहे हैं।
अब देखना यह होगा कि लोकतंत्र के इस महापर्व में कौन सत्ता पर काबिज होगा। कौन विपक्ष की भूमिका निभाएगा। हालांकि सभी राजनीतिक दलों के अपने अपने दावे है सरकार बनाने के लेकिन अभी तो 230 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला आना बाकी है। फैसला 3 दिसंबर को दोपहर तक तक आ जायेगा इसके बाद सरकार बनाने की कवायद शुरू होगी। इससे निर्धारित 2024 लोकसभा रास्ता तय होगाक्योंकि 2023 को सत्ता का सेमीफाइनल भी माना जाता है।