मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के प्रचार में बीजेपी और कांग्रेस से लेकर दूसरी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के बयान खूब चर्चा में रहे। इसमें नेताओं ने किसी को मूर्खों का सरदार कहकर सबोधित किया तो किसी को गद्दार की उपाधी दी । इस तीखी बयानबाजी कमलनाथ के कपड़ा फाड़ बयान से शुरू हुई थी। इस पर बीजेपी ने उनको घेरा था। दरअसल टिकट को लेकर शिवपुरी के कार्यकर्ता कमलनाथ के आवास पर प्रदर्शन करने पहुंचे थे। जहां कमलनाथ ने उनको दिग्विजय सिंह और जयवर्धन के कपड़े फाड़ने का बयान दिया था। इसका वीडियो सोशल मीडिया में आने के बाद भाजपा ने कांग्रेस और कमलनाथ को जमकर घेरा। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एमपी में अपनी चुनावी रैली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उनको मूर्खों का सरदार बता दिया। पीएम ने राहुल गांधी के भारत के सब लोगों के पास मेड इन चाइना मोबाइल को लेकर दिए बयान पर कहा कि अरे मूर्खों के सरदार…। यह किस दुनिया में रहते हैं। इनको अपने देश की उपलब्धियां नहीं दिखती हैं।
- सुर्खियों में मूर्खों का सरदार और गद्दार
- विधानसभा चुनाव प्रचार में सुर्खियों में रहे ये बयान
- बीजेपी और कांग्रेस ने जमकर साधा एक दूसरे पर निशाना
- खूब चर्चा में रहे राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के बयान
- नेताओं ने किसी को मूर्खों का सरदार कहकर सबोधित किया
- किसी को गद्दार की उपाधी दी
- तीखी बयानबाजी कमलनाथ के कपड़ा फाड़ बयान से शुरू
सिंधिया कद में थोड़े छोटे पड़ गए थे
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को गद्दार करार दिया। इसके अलावा एक जनसभा में प्रियंका गांधी ने सिंधिया पर तंज कसते हुए कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कद में थोड़े छोटे पड़ गए, लेकिन उन्होंने अपने परिवार की परंपरा बहुत अच्छे से निभाई। विश्वासघात बहुत लोगों ने किया, लेकिन इन्होंने ग्वालियर-चंबल की जनता के साथ किया। वहीं सिंधिया ने भी प्रियंका गांधी पर पलटवार करते हुए उनको पार्ट टाइम नेता करार दिया था। चुनाव प्रचार आखिरी दिन बुधवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने दतिया में जनसभा के दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जमकर हमला बोला और कहा था कि बीजेपी के सारे नेता विचित्र टाइप के हैं। एक तो सिंधिया जी हैं। उनके साथ उन्होंने उत्तरप्रदेश में काम किया था। क्या है कि सिंधिया कद में थोड़े छोटे पड़ गए, लेकिन अहंकार में वाह भाई वाह। उनका कोई जवाब नहीं। प्रियंका के इस सियासी तंज भरे बयान का विश्लेषण किया जाए तो इसके दो अर्थ निकलते हैं। पहला सिंधिया की ऊंचाई थोड़ी कम है। हालांकि प्रियंका गांधी का इशारा सिंधिया के सियासी कद की तरफ ज्यादा था। ज्योतिरादित्य सिंधिया जब कांग्रेस में थे उस समय उनकी गिनती बेहद मजबूत नेताओं में होती थी। मनमोहन सिंह की सरकार समय भी वे केन्द्र में मंत्री रहे। साल 2018 में मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली थी। इसका श्रेय भी सिंधिया को दिया गया था। लेकिन वे सीएम नहीं बनाए गए। लेकिन 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में सिंधिया को हार का सामना करना पड़ा था। चुनावी हार के बाद सिंधिया के सियासी कद पर सवाल खड़े होने लगे थे। इसके बाद साल 2018 में जब मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाई थी लेकिन मार्च 2020 में कमलनाथ की सरकार अल्पमत में आने के चनते गिर गई थी। इसका कारण भी ज्योतिरादित्य सिंधिया थे। क्योंकि सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ते हुए मार्च 2020 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। सिंधिया के समर्थक 18 विधायकों ने भी कांग्रेस और अपनी विधायकी छोड़ दी थी।
सपना चौधरी के ठुमकों से बेकाबू हुई भीड़
शिवपुरी जिले में विधानसभा चुनाव के प्रचार के अंतिम दिन बुधवार को बसपा प्रत्याशी ऐबरन सिंह गुर्जर ने प्रचार के लिए मशहूर डांसर सपना चौधरी को बुलाया था। यहां सपना चौधरी ने बसपा प्रत्याशी के समर्थन में एक आमसभा की। इसके अलावा मंच पर ठुमके भी लगाए। सपना चौधरी को देखने के लिए भीड़ बेकाबू हो गई। ऐसे में जनता को संभालने के लिए पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा। बता दें कि प्रचार थमने से पहले शिवपुरी के प्राइवेट बस स्टैंड पर बसपा उम्मीदवार ऐबरन सिंह गुर्जर के समर्थन में यह सभा आयोजित की गई थी। इसमें मशहूर डांसर सपना चौधरी को बुलाया गया था। सपना चौधरी का डांस देखने के लिए भीड़ बेकाबू हो गई। दरअसल सपना चौधरी का डांस देखने के लिए सभा स्थल पर बड़ी संख्या में भीड़ एकत्रित हो गई थी। ऐसे में व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी खाकी वर्दी में मंच के आसपास खड़े हो गए जिससे कोई अव्यवस्था ना हो। मंच पर पुलिसकर्मी सुरक्षा करते हुए देखे गए। वहीं मंच के सामने कुछ पुलिसकर्मी तो अपने मोबाइल से डांसर सपना चौधरी के वीडियो बना रहे थे।