लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए के खिलाफ विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A की समन्वय समिति ने बुधवार 14 सितंबर को पहली बैठक में कई मुद्दों को लेकर चर्चा की। समिति की अगली मीटिंग कहां होगी। बैठक का एजेंडा क्या होगा। लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन की आगे की रणनीति जैसे तमाम मुद्दों पर चर्चा की गई। इसके बाद फैसला किया है कि समिति की अगली बैठक मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित की जाएगी। अगले माह अक्टूबर के पहले हफ्ते में गठबंधन के घटक दलों के नेता भोपाल में एकत्रित होकर लोकसभा चुनाव के लिए आगे की रणनीति पर मंथन करेंगे।
- विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A की समन्वय समिति की बैठक
- अक्टूबर के पहले हफ्ते में भोपाल में गठबंधन की अगली बैठक
- घटक दलों के नेता भोपाल में होंगे एकत्रित
- लोकसभा चुनाव के लिए बनाएंगे भोपाल में रणनीति
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अगले माह अक्टूबर के पहले हफ्ते में I.N.D.I.A गठबंधन के घटक दलों के नेता इकट्ठा होंगे और लोकसभा चुनाव के लिए आगे की रणनीति तैयार करेंगे। बता दें विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A की अब तक तीन बैठक हो चुकी है। इन बैठकों में लोकसभा चुनाव में एनडीए और बीजेपी को शिकस्त देने की तैयारियों से पहले गठबंधन में आपसी समन्वय बैठाने की कोशिश की जा रही है। दरअसल अब तक चुनाव को लेकर गठबंधन I.N.D.I.A की ओर से कोई अहम घोषणा नहीं की गई है।
गठबंधन में समन्वय को लेकर जद्दोजह
गठबंधन पहले घटक दलों के बीच समन्वय स्थापित करने की कोशिश में जुटा है। जिससे किसी भी मसले पर सबकी एक राय बन सके और एकजुट होकर एक रणनीति पर आगे का काम किया जा सके। यह अलग बात है कि ये सभी सियासी दल राष्ट्रीय स्तर के मंच पर एक साथ नजर आ रहे हैं लेकिन इनमें से कई राज्यों में एक-दूसरे के धुर प्रतिद्वंदी माने जाते हैं। जिस तरह पश्चिम बंगाल में लेफ्ट और टीएमसी के बीच कभी पटरी नहीं बैठती उसी तरह पंजाब में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच झगड़ा चल रहा है। उधर तमिलनाडु में कांग्रेस और डीएमके के बीच टकराव और बयानबाजी की खबरें किसी से छुपी नहीं है। ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले इन दलों के बीच रिश्तों में सामन्जस्य बैठाना, संबंधों को ठीक करना गठबंधन की प्रथामिकता होगी। अब तक प्रधानमंत्री पद के चेहरे पर चर्चा को लेकर गठबंधन में कोई सुगबुगाहट नहीं है।
बिहार के पटना में हुई थी पहली बैठक
बता दें गठबंधन की पहली बैठक 23 जून को बिहार की राजधानी पटना में हुई थी। जहां कांग्रेस, टीएमसी, जनता दल यूनाइटेड, समाजवादी पार्टी, नेशनल कांग्रेस पार्टी, आम आदमी पार्टी, शिवसेना (यूबीटी), सीपीआई, सीपीएम, झारखंड मुक्ति मोर्चा, नेशनल कांफ्रेंस, द्रविड मुनेत्र कषगम, पीडीपी और सीपीआई एमएल के साथ राष्ट्रीय जनता दल के नेता वरिष्ठ मंच पर एक साथ इकट्ठा हुए थे। इस बैठक से विपक्ष का उद्देश्य एकता और अपना अस्तित्व पेश करना था। 23 जून की इस बैठक दौरान कोई अहम फैसला तो नहीं लिया गया उल्टा आम आदमी पार्टीने साफ कर दिया था कि अगर केंद्र के दिल्ली सेवा बिल पर कांग्रेस संसद में उसका समर्थन नहीं करती है तो उसके लिए गठबंधन का हिस्सा बनना मुश्किल होगा।
बेंगलुरु दूसरी बैठक
बिहार की राजधानी पटना के बाद अगली महीन 17 और 18 जुलाई को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में I.N.D.I.A की दूसरी अहम बैठक बुलाई गई। जिसमें गठबंधन ने अपनी ताकत बढ़ाई। इस दौरान कुल दलों की संख्या भी 15 से बढ़कर 26 हो गई। ऐसे में बैठक में विपक्ष ने गठबंधन के लिए I.N.D.I.A यानी इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस नाम की घोषणा की यह एक बड़ा फैसला थाा। जिसने देश की राजनीति में नई चर्चा छेड़ दी।
बेंगलुरु के बाद मुंबई में तीसरी बैठक
विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A की तीसरी बैठक 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में आयोजित की गई थी। जिसमें दो और विपक्षी दल के गठबंधन में शामिल हुए। जिससे घटक दलों की संख्या बढ़कर 28 हो गई। बेंगलुरु की इस अहम बैठक में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर समन्वय समिति समेत कुल पांच कमेटियों के गठन का ऐलान किया गया। अब गठबंधन से जुड़े सभी फैसले समन्वय समिति लेगी। बैठक में फैसला लिया गया कि गठबंधन जल्द से जल्द लोकसभा चुनाव से पहले सीट शेयरिंग के मुद्दे पर चर्चा करेंगे। साथ ही 30 सितंबर तक इस पर फैसला ले लिया जाएगा। इसके साथ ही देश के विभिन्न राज्यें में जल्द ही चुनावी रैलियां और दूसरे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस तरह के आयोजन में आमजन के मुद्दों को उठाया जाएगा। इसके साथ ही जुड़ेगा भारत तो जीतेगा इंडिया की थीम पर कैंपेन किया जाएगा। यह कैंपेन अलग-अलग भाषाओं में होगा।
भोपाल में होगी सीट शेयरिंग पर चर्चा
I.N.D.I.A की चौथी बड़ी बैठक अक्टूबर में भोपाल में होना तय किया गया है। भोपाल में होने वाली इस बैठक में सीट शेयरिंग को लेकर घटक दल चर्चा कर सकते हैं। अभी तक गठबंधन के संयोजक का नाम तय नहीं किया गया है। लिहाजा भोपाल में होने वाली अगली बैठक में इसकी भी घोषणा की जा सकती है। इसके साथ ही पीएम पद के लिए विपक्ष की ओर से एक मजबूत उम्मीदवार को लेकर भी चर्चा होने की उम्मीद है। पिछली बैठकों में तय हुआ था कि देश के विभिन्न क्षेत्रों और राज्यों में चुनावी रैलियां आयोजित की जाएंगी। बताया जाता है कि इसकी शुरुआत भोपाल में होने वाली चौथी बैठक से हो सकती है।