छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी का चुनावी अभियान तेज हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी डेढ़ महीने में दूसरी बार छत्तीसगढ़ दौरे पर आने वाले हैं। इसी महीने 15 अगस्त के बाद पीएम मोदी की रायगढ़ जिले में आमसभा होने वाली है। इसे लेकर बीजेपी की तैयारियां तेज हो गई है। इसलिए बीजेपी की टॉप लीडरशिप रायगढ़ में डेरा डाले हुए है।
- स्वतंत्रता दिवस के बाद पीएम मोदी का छत्तीसगढ़ दौरा
- पीएम मोदी के दौरे को लेकर बीजेपी कांग्रेस में तकरार
- कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा ने कसा पीएम मोदी के दौरे पर तंज
- ‘पीएम जितना भी छत्तीसगढ़ का दौरा कर लें’
- ‘कांग्रेस को नहीं पड़ेगा कोई फर्क’
छत्तीसगढ़ में केंद्र के नेताओं का दौरा जारी है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छत्तीसगढ़ दौरे पर प्रभारी कुमारी सैलजा का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री को हर राज्य को अपना राज्य समझना चाहिए। चाहे वहां किसी भी पार्टी की सरकार हो। प्रधानमंत्री कॉपरेटिव फेडरेलिज्म की बात करते थे। उसे कही पीछे ढकेल दिया गया है। चुनाव आ रहा है तो बार बार प्रधानमंत्री यहां आ रहे हैं। केंद्र सरकार से जो भेदभाव होता रहा है यहां की जनता समझ गई है।
पीएम जब भी आते हैं देकर जाते हैं सौगात,फिर पेट में दर्द क्यों!
वहीं कुमारी शैलजा के बयान पर पलटवार करते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता ने कहा कि उन्हें तो खुश होना चाहिए जबकि प्रधानमंत्री छत्तीसगढ़ की ओर रुख करते हैं तो कोई ना कोई बड़ी सौगात छत्तीसगढ़ को देते हैं। पहले प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान उन्होंने 24000 करोड़ रुपए की रेल परियोजना की सौगात दी थी। इसके बाद 76 सौ करोड़ की योजनाओं की आधारशिला रखी। उसके पहले बस्तर में आयुष्मान कार्ड योजना का शुभारंभ भी प्रधानमंत्री ने किया था तो इससे कांग्रेस को क्या तकलीफ हो रही है। अगर उन्हें अपने केंद्रीय दिग्गज नेताओं को बुलाना है तो वह क्यों नहीं बुलाते मल्लिका अर्जुन खड़गे के बाद राहुल गांधी को भी बुलाए प्रधानमंत्री के आने से कांग्रेस के पेट में क्यों दर्द होता है।
क्या रायगढ़ से बदलेगा बीजेपी का भाग्य
बहरहाल छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव काफी करीब है। ऐसे में लगातार बीजेपी के केंद्रीय मंत्री और नेता छत्तीसगढ़ की ओर रुक कर रहे हैं। इस बार प्रधानमंत्री का यह डेढ़ महीने में दूसरा दौरा होने वाला है। जिसमें रायगढ़ में बड़ी जनसभा को संबोधित करने वाले हैं। इसके साथ ही आदिवासी वर्ग को साधने के लिए भी रणनीतियां बनाई जा रही है। ऐसे में कांग्रेस की तरफ से लगातार भाजपा की तरफ निशाना साधा जा रहा है। तंज भरे ट्वीट एवं बयान सामने आ रहे हैं। आगामी चुनाव में भाजपा की कोशिशें कितनी कामयाब होती है और कांग्रेस की रणनीतियां कितनी कारगर साबित होती है। प्रधानमंत्री के दौरे से छत्तीसगढ़ के चुनाव पर क्या असर पड़ता है। जनता का रूख किस की ओर होता है यह देखने वाली बात होगी।