लोकसभा में दिल्ली सेवा बिल पेश होने के बाद से ही यह संकेत मिलने लगे हैं जिससे एनडीए की बांछे खिल गई है तो वहीं यह संकेत नए नए बने विपक्षी गठबंधन INDIA के लिए अच्छे नहीं कहे जा सकते हैं। दरअसल सोमवार को जब लोकसभा में गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय की ओर से दिल्ली सेवा बिल पेश किया गया तभी इस बात की भी पुष्टि हो गई है कि दोनों ही सदनों में बिल आसानी से पास हो जाएगा। क्योंकि एनडीए को दूसरे दलों का साथ मिलने की उम्मीद है। बता दें इससे विधेयक को लेकर आम आदमी पार्टी ही नहीं पूरे विपक्ष को भी झटका लगा है।
- विपक्षी गठबंधन INDIA के लिए अच्छे आसार नहीं
- दोनों सदनों में पास होगा दिल्ली सेवा बिल
- बीजेडी और वायएसआर का मिल एनडीए को साथ
- आम आदमी पार्टी ही नहीं पूरे विपक्ष को लगा झटका
दरअसल बिल पेश होने के बाद बीजू जनता दल बीजेडी ने संकेत दिये हैं कि पार्टी ना केवल इस विधेयक पर केन्द्र सरकार का साथ देगी बल्कि कांग्रेस की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर भी केन्द्र सरकार का ही साथ देगी। इस कवायद से विपक्षी दल संसद में भी कमजोर पड़ते दिख रहे हैं। अब 2024 के चुनाव को लेकर भी बड़े संकेत मिलने लगे हैं। संभावना जताई जा रही है कि नवीन पटनायक 2024 में भी बीजेपी के साथ दिखाई दें। इसके साथ ही जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस ने भी पहले ही केन्द्र सरकार का साथ देने की बात कह चुकी है। लिहाजा यह बिल लोकसभा ही नहीं राज्यसभा में भी आसानी से पारित हो जाएगा।
BJD और YSR सांसदों को मिला साथ
इधर ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजेडी के राज्यसभा में 9 सांसद हैं, वाईएसआर कांग्रेस के राज्यसभा में भी 9 सदस्य हैं। इनका सरकार को समर्थन मिलता है कि राज्यसभा में बहुमत के साथ कोई भी विधेयक पास कराए जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी। वहीं दिल्ली विधेयक का भी रास्ता भी साफ हो गया।। बताया जाता है कि मानसून सत्र शुरू होते ही विपक्षी टीम ने मणिपुर की घटना को लेकर हंगामा कर सरकार को घेरने का काम किया अब मांग की जा रही है कि पीएम सदन में मौजूद रहकर इसका जवाब दें। कांग्रेस की ओर से लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सरकार को परेशानी में डालने कीकोशिश की गई लेकिन सरकार पूरी तरह सेनिश्चित हैं। वैसे भी लोकसभा में बीजेपी अकेले ही बहुमत में है, उसके बाद सहयोगी दलों के सदस्यों की संख्या इंडिया को बहुत पीछे छोड़ चुकी है। अविश्वास प्रस्ताव पर 8 से 10 अगस्त तक चर्चा होने के बाद 10 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी जवाब दे सकते हैं।
लोकसभा चुनाव की तैयारी
एनडीए में शामिल दलों में नवीन पटनायक और जगनमोहन रेड्डी की पार्टी का नाम शामिल नहीं है, लेकिन संकेत मिल रहे हैं कि 2024 में ये दल एनडीए के साथ खड़े हो सकते हैं। जिसे 2024 को लेकर बड़ा इशारा माना जा रहा है। अगर इन दोनों पार्टियों का समर्थन मिलने पर बीजेपी को दक्षिण भारत में भी लाभ मिलने की संभावना है। इंडिया गठबंधन की तरफ से कहा जा रहा था कि कोई भी पार्टी एनडीए या बीजेपी के साथ नहीं जाना चाहती। हालांकि अब यह दावा कमजोर नजर आ रहा है। बेंगलुरु में विपक्ष की अहम बैठक के बाद एनडीए ने भी दिल्ली में बैठक कर शक्ति प्रदर्शन किया था।