प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 में भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर लाल किले की प्राचीर से एलान किया था कि देश के सभी सैनिक स्कूलों के दरवाजे बेटियों के लिए खोल खोल दिए जाएंगे । जिसके बाद से ही रक्षा मंत्रालय ने लड़कियों को सैनिक स्कूलों में प्रवेश देने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया। इसी का नतीजा है कि आज सैनिक स्कूलों में लड़कियों की संख्या बढ़ती हुई नजर आ रही है।
सैनिक स्कूलों में बढ़ती बेटियों की भागीदारी
केंद्र सरकार द्वारा लड़कियों के लिए सैनिक स्कूलों के दरवाजे खोलने का निर्णय अब धीरे-धीरे धरातल पर भी भली भांति क्रियान्वित होता नजर आ रहा है। इसका एक बेहतरीन उदाहरण रक्षा मंत्रालय द्वारा संसद में पेश किए गए उस आंकड़े से मिलता है। जिसमें बताया गया है कि इस महीने के अंतिम सप्ताह तक देशभर के सैनिक स्कूलों में लड़कियों की संख्या 1200 के पार यानी 1 हजार 299 तक पहुंच गई है। इसमें विभिन्न राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों में स्थित सैनिक स्कूल शामिल हैं। यह जानकारी रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने सोमवार को राज्यसभा में डॉ.अनिल सुखदेव राव बॉडे द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के लिखित जवाब में दी है। जिसमें उन्होंने बताया कि अम्बिकापुर के सैनिक स्कूल में छात्राओं की संख्या 37 है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के रीवा सैनिक स्कूल में छात्राओं की संख्या 55 है। हरियाणा के रेवाड़ी सैनिक स्कूल में छात्राओं की संख्या 34 है।
33 स्कूलों में सह-शिक्षा
भट्ट ने कहा कि मौजूदा पैटर्न के हिसाब से देश में सभी 33 सैनिक स्कूलों में सह-शिक्षा है। जहां तक एनजीओ, निजी-राज्य सरकार के स्कूल के साथ भागीदारी में नए सैनिक स्कूलों का संबंध है। विशेष रूप से छात्रों, छात्राओं, सह-शिक्षा आधार के लिए स्थापित किए जा रहे स्कूल के बारे में कोई शर्त नहीं है।
ट्रिपल-पी मॉडल वाले स्कूलों में 303 छात्राएं
उधर सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत हालिया स्थापित किए गए सैनिक स्कूलों की स्थिति देखें तो वहां पर छात्राओं की कुल संख्या 303 है। इसमें हरियाणा के रोहतक में श्री बाबा मस्त नाथ रेजिडेंशियल पब्लिक स्कूल में छात्राओं की संख्या 22 है। फतेहाबाद स्थित रॉयल इंटरनेशनल रेजिडेंशियल स्कूल में छात्राओं की संख्या 34 है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के पीपीपी मॉडल आधारित सरस्वती विद्या मंदिर हायर सेकेंडरी स्कूल, मंदसौर में छात्राओं की संख्या 2 है।