छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पिछले दिनों ST-SC वर्ग के कुछ युवाओं ने नग्न प्रदर्शन किया था। उन्होंने फर्जी जाति सर्टिफिकेट बनवाकर सरकारी नौकरी करने वालों के खिलाफ सरकार से कार्रवाई की मांग के लिए विरोध करने का ये तरीका अपनाया। प्रदर्शनकारी नग्न होकर विधानसभा घेराव करने निकले थे। हालांकि पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया है। इस पर आदिवासी बहुल इस राज्य में सियासत भी गरमा गई है।
- फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी हासिल करने का मामला
- ST-SC वर्ग के कुछ युवाओं ने किया था नग्न प्रदर्शन
- प्रदर्शन के बाद गरमाई राज्य में सियासत
- प्रदर्शनकारियों पर दर्ज हैं पहले से ही कई आपराधिक मामले
नग्न प्रदर्शन मामले में पुलिस का खुलासा
नग्न प्रदर्शन मामले में आज एक बढ़ा खुलासा पुलिस ने किया है। पुलिस विभाग की ओर से जारी की कई प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि सड़क पर इस तरह नग्न प्रदर्शन करने वाले ज्यादातर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पहले से ही हत्या का प्रयास, मारपीट, बलवा, लूट और आईटी एक्ट समेत धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं। आरोपी व्यंकटेश मनहर जरहाभाठा और विक्रम जांगड़े-जरहाभाठा बिलासपुर का रहने वाला है। जबकि आरोपी संजीत बर्मन, अमन दीवाकर पर जरहाभाठा-बिलासपुर में मामले दर्ज हैं तो आशुतोष जानी के खिलाफ भी कई संगीन अपराध दर्ज हैं। पुलिस ने यह जानकारी एक विज्ञप्ति जारी कर दी है।
विधानसभा में जारी है हंगामा
वहीं इस मामले में पिछले दो दिन से विधानसभा में हंगामा मचा हुआ है। विपक्ष ने गिरफ्तार किये गये युवाओं को रिहा करने की मांग की। इसे लेकर जब सदन में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया तो उन्हें सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया था। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने सवाल किया है कि ऐसी कौन सी स्थिति बन गई कि युवाओं को नग्न होकर प्रदर्शन करना पड़ा। इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कराई जाना चाहिए।
सीएस ने अधिकारियों को किया तलब
दरअसल छत्तीसगढ़ के मंत्री रुद्रगुरु अनिला भेड़िया विधानसभा सत्र में शामिल होने जा रहे। इस दौरान काफिला गुजर रहा था। तभी कुछ युवाओं ने सड़क पर नग्न प्रदर्शन किया। इस विरोध-प्रदर्शन को लेकर पूर्व सीएम डॉ.रमन सिंह ने कांग्रेस सरकार की नाकामी करार दिया है। छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर सरकारी नौकरी करने का मामला गरमाया हुआ है। दरअसल छत्तीसगढ़ के बनने के बाद से ही कई सरकारी विभागों को लगातार शिकायत मिल रही थी कि उनके यहां कई गैर आरक्षित वर्ग के लोगों ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल की है। जिस पर युवाओं ने विरोध प्रदर्शन किया है। वहीं नग्न प्रदर्शन के दूसरे दिन सदन में इस मामले को लेकर काफी हंगामा हुआ। मामले में अब तक की गई कार्रवाई को लेकर राज्य के सीएस अमिताभ जैन समीक्षा करने वाले हैं। शासन ने मामले को लेकर अधिकारियों को तलब किया है। सीएस अमिताभ जैन बैठक में फर्जी जाति प्रमाण पत्रों पर कार्रवाई की समीक्षा करेंगे। साथ ही अब तक हुई कार्रवाई की रिपोर्ट लेंगे। एससी और एसटी विभाग के सचिव डी.डी. सिंह ने 16 विभागों को पत्र जारी किया। दरअसल रायपुर के विधानसभा क्षेत्र में हुए निर्वस्त्र प्रदर्शन के बाद भूपेश सरकार ने इस मामले में यह कदम उठाया है।