मध्य प्रदेश में विधानसभा सीटों में बड़वानी जिले की सीटों पर दोनों पार्टियों की नजर हैं। यहां की 4 सीटों में तीन कांग्रेस के कब्जे में है। एक बीजेपी के खाते में दर्ज है। अगर पानसेमल सीट की बात करें तो यहां से सुश्री चंद्रभागा किराड़े विधायक हैं। इस बार के विधानसभा चुनाव में किसका वर्चस्व हो सकता है यहां जानिए…
- बड़वानी जिले की पानसेमल विधानसभा सीट
- पानसेमल विस सीट का सियासी समीकरण
- कांग्रेस विधायक चंद्रभागा किराडे
- किराड़े हैं जिले की पहली महिला विधायक
- 2018 के बीजेपी से पराजित प्रत्याशी दीवानसिंह पटेल
- क्या बीजेपी छीनगी कांग्रेस से पानसेमल सीट
- क्या कांग्रेस का रहेगा वर्चस्व
- क्या कहते हैं राजनीतिक समीकरण
- पानसेमल में कभी कांग्रेस कभी भाजपा
मध्य प्रदेश में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैंं विधानसभा सीटों कई सीटें ऐसी हैं। जहां दावेदारों की लंबी कतार सामने आ रही है। दावेदारों चुनाव क्षेत्रों में सक्रिय हो चुके हैं। ऐसे में हम बात कर रहे हैं बड़वानी जिले की पानसेमल विधानसभा सीट की जो 2018 के विधानसभा चुनाव में पानसेमल विधानसभा क्षेत्र की सीट बीजेपी की झोली में जाना तय माना जा रही थी। लेकिन बाजी कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रभागा किराड़े मार गईं।
पानसेमल विधानसभा सीट पर चुनावी समीकरण
- 2008 में वजूद में आई पानसेमल सीट
- पलायन पानसेमल की एक गंभीर समस्या
- मौजूदा MLA से कुछ संतुष्ट,कुछ लोग नाराज
- निवाली बुजुर्ग में अघोषित बिजली कटौती
- बिजली कटौती से लोग परेशान
- यहां आए दिन गुल हो जाती है बिजली
- पलायन क्षेत्र के लिए एक बड़ा मुद्दा
- सही नहीं है शिक्षा व्यवस्था
- कई जगहों में नहीं हैं स्कूल भवन
- झोपड़ी और कच्चे मकानों में चल रहे स्कूल
पानसेमल में भी विधानसभा चुनावों को लेकर दोनों ही प्रमुख पार्टी कांग्रेस बीजेपी अपनी तैयारी में जुटी हैं। जबकि जयस और आम आदमी पार्टी की भी हवा चल रही है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पानसेमल सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच कभी हम, कभी तुम की स्थिति बनी रही। साल 2018 में कांग्रेस ने यहां कब्जा जमाया था। इस बार यहां के समीकरण क्या हो सकते हैं। फिलहाल राजनीतिक जानकार कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है।
2008 में अस्तित्व में आई पानसेमल सीट
बड़वानी जिले की पानसेमल विधानसभा सीट राजपुर विधानसभा से अलग होकर 2008 में अस्तित्व में आई इस सीट से पूर्व मंत्री बाला बच्चन भी चुनाव मैदान जीत चुके हैं। वर्तमान में कांग्रेस की चंद्रभागा यहां से विधायक हैं। क्षेत्र के लोगों में प्रगति और विकास की चाह है। जनसामान्य नए चेहरों की तरफ आशा की दृष्टि से देख रही है। नए चेहरे कौन होंगे यह राजनीतिक दलों को ही तय करना है। जनता नवीन चेहरों की मांग कर रही है। ऐसे शिक्षित चेहरे जो इस आदिवासी विधानसभा से जुड़ी शिक्षा, चिकित्सा, सड़क पानी बिजली की बुनियादी सुविधाओं के अलावा उधोग व्यवसाय की समस्या का निराकरण कर सके। पानसेमल विधानसभा क्षेत्र की आवाज बुलंद कर सके।
मेरा लक्ष्य सिंचाई और पीने को मिले नर्मदा जल-किराड़े
पानसेमल विधानसभा क्षेत्र सूखा ग्रस्त है लेकिन उनके क्षेत्र के किसानों और क्षेत्रवासियों के लिए हर हाल में पानी लाना मेरा लक्ष्य है। 2018 में नर्मदा प्रोजेक्ट योजना तैयार की थी। जिससे क्षेत्रवासियों को पानी मिल सके लेकिन 15 माह बाद कांग्रेस की हमारी सरकार गिर गई। जिसके चलते नर्मदा प्रोजेक्ट के लिए बीजेपी सरकार ने बजट में राशि आवंटित नहीं की और प्रोजेक्ट पास नहीं हो सका। कमलनाथ सरकार नहीं गिरती तो आज पानसेमल क्षेत्र की जनता को खेत और प्यास बुझाने के लिए अब तक हम नर्मदा का जल ले आते नर्मदा प्रोजेक्ट मेरी पहली प्राथमिकता है।
2018 में किस प्रत्याशी को कितने मिले वोट
- चंद्रभागा किराड़े कांग्रेस 94634
- दीवानसिंह पटेल भाजपा 69412
- दुर्गा रतन बसपा 1641
मध्य प्रदेश की पानसेमल विधानसभा सीट बड़वानी जिले में आती है। यह सीट 2008 में राजपुर से अलग होकर अस्तित्व में आई है। पानसेमल विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। यहां कुल 2 लाख 23 हजार 621 मतदाता हैं। इन्ही मतदाताओं में करीब 68 फीसदी अनुसूचित जनजाति से ताल्लुक रखते हैं। साल 2008 में कांग्रेस के टिकट पर पानसेमल विधानसभा से बाला बच्चन मैदान में उतरे थे। बीजेपी से उम्मीदवार के रूप में कन्हैया वीर सिंह सिसोदिया उनके सामने थे। जिन्हें बाबा बच्चन ने करीब 3 हजार से अधिक मतों से परास्त कर जीत का परचम लहराया। इससे पहले बाला बच्चन 2008 से 2013 तक बाला बच्चन रहे। पिछली बार 2018 में कांग्रेस की चंद्रभागा किराड़े ने यहां से जीत दर्ज की। इससे पहले यहां दीवान सिंह पटेल यहां से विधायक रहे। वर्तमान में यहां कांग्रेस की पलड़ा भारी लग रहा है। बीजेपी के यहां से अभी उम्मीदवारों के नाम सुर्खियों में नहीं हैं। लेकिन पार्टी तैयारी में जुटी नजर आ रही है।
2013 और 2008 के नतीजे
2013 के चुनाव में इस सीट पर बीजेपी को जीत मिली थी। बीजेपी के दीवान सिंह पटेल कांग्रेस की चंद्रभागा किराडे को हराकर विधायक बने थे। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार को 7 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। दीवान सिंह पटेल को इस चुनाव में 77919 वोट मिले थे तो वहीं कांग्रेस की चंद्रभागा को 70537 वोट मिले थे। 2008 के चुनाव की बात करें तो कांग्रेस को जीत मिली थी। कांग्रेस के बाला बच्चन ने बीजेपी के कन्हैया वीर सिंह सिसोदिया को 3 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। इस चुनाव में बाला बच्चन को 53 हजार 742 वोट मिले थे तो वहीं बीजेपी के कन्हैया वीर सिंह सिसोदिया को 50 हजार 178 वोट मिले थे।