केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (डब्ल्यूसीडी) ने बलात्कार की शिकार नाबालिग लड़कियों को मुख्यधारा में शामिल करने की जोरदार कवायद शुरू कर दी है। जिसके तहत प्रत्येक राज्य में एक ऐसा समर्पित कक्ष या केंद्र स्थापित किया जाएगा। जहां केवल बलात्कार और गैंगरेप की शिकार गर्भवती नाबालिग लड़कियों को एक छत के नीचे आश्रय प्रदान करने से लेकर नियमित भोजन, मेडिकल,मानसिक,कानूनी और वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया कि अभी तक देश में 18 वर्ष से कम आयु के बेसहारा बच्चों की देखभाल के लिए बाल कल्याण समितियां, बाल सुधार संस्थान और बाल गृह मौजूद हैं। लेकिन बलात्कार या गैंग रेप जैसे जघन्य अपराध के बाद परिवार द्वारा त्यागी गई,अनाथ और ऐसे हादसे के बाद परिवार में लौटने की इच्छा न रखने वाली नाबालिग लड़कियों को सहायता देने के लिए देश में फिलहाल कोई ठोस व्यवस्था मौजूद नहीं है। लेकिन अब इस कमी को जल्द पूरा करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
निर्भया फंड से दिए जाएंगे 74 करोड़ रुपए
मंत्रालय ने एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, निर्भया फंड के जरिए मंत्रालय ने इस कमी को दूर करने के लिए‘स्कीम फॉर क्रिटिकल केयर एंड सपोर्ट फार असेसिंग जस्टिस टू रेप, गैंग रेप सवाई वर्स एंड माइनर गर्ल्स हू गेट्स प्रेगनेंट’ नामक एक योजना को मंजूरी प्रदान की है। करीब सप्ताह भर में इससे संबंधित दिशा निर्देश जारी कर दिए जाएंगे। योजना पर कुल 74.10 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। योजना के तहत मंत्रालय सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अपील करेगा कि वो अपने-अपने इलाकों में तीव्र गति से पॉक्सो पीड़ितों को सहायता देने के लिए उक्त केंद्र या कक्ष स्थापित करें। जहां पीड़ित लड़कियों को हादसे के बाद 18 साल से लेकर 23 वर्ष तक की आयु तक आश्रय के साथ-साथ तमाम अन्य जरूरी सहायता प्रदान की जाएगी। इसमें गर्भावस्था और बच्चे के जन्म के बाद उसे आगे गोद देने में भी मदद की जाएगी। मंत्रालय का कहना है कि इस योजना को वह केंद्र के अन्य मंत्रालयों जैसे कौशल विकास के साथ भी जोड़ेगा। जिससे पीड़ित लड़कियों को अपने पैरों पर खड़े होने में भी मदद मिलेगी। ये केंद्र अगर कोई राज्य बाल सुधारों से जुड़े केंद्रों के भीतर ही खोलना चाहेगा। तो उसे भी इसकी अनुमति होगी। मंत्रालय केंद्र के निर्माण कार्य में भी मदद करेगा।
पॉक्सो के 51 हजार 863 मामले दर्ज
राष्ट्रीय अपराध नियंत्रण ब्यूरो (एनसीआरबी) के वर्ष 2021 के आंकड़ों के हिसाब से देश में पॉक्सो कानून के तहत कुल करीब 51 हजार 863 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से 64 फीसदी मामले कानून की धारा 3 और 5 के तहत यानी उक्त अपराध के तहत दर्ज किए गए हैं।
पीएम मोदी की अहम भूमिका
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि इस योजना को क्रियान्वित करने के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मानवीय सोच और विभाग को दिए गए जरूरी निर्देशों की सबसे अहम भूमिका है। जिसके बाद मंत्रालय ने इस दिशा में तेजी से कार्य को आगे बढ़ाया। उक्त केंद्रों के जरिए हम न केवल बलात्कार की शिकार नाबालिग लड़कियों को मेडिकल सहायता प्रदान करेंगे। बल्कि करीब 4 हजार रुपए की मासिक वित्तीय सहायता भी देंगे। इस योजना से हमारी कोशिश पीड़ित लड़कियों को समाज की मुख्यधारा में वापस लौटने में भी मदद प्रदान करना है।