अमेरिका का ऐतिहासिक दौरा खत्म कर प्रधानमंत्री मोदी मिस्त्र की राजधानी काहिरा के लिए रवाना हो गए हैं. पीएम मोदी की 9 सालों में यह पहली मिस्त्र यात्रा होने वाली है. दो दिवसीय दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी हेलियोपोलिस युध्द स्मारक जाएंगे और भारतीय सैनिकों को श्रध्दांजलि देंगे. यह सैनिक प्रथम विश्व युध्द के दौरान मिस्त्र और फलस्तीन में शहीद हो गए थे. दोनों देशों के बीच बाइलेट्रल टेड्र के हवाले से यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है. बता दें कि मिस्त्र के राष्ट्रपति इसी साल हमारे 74वें गणतंत्र दिवस समारोह में चीफ गेस्ट के रूप में शामिल हुए थे. अब यह 6 महीने में दोनों देशों के राष्ट्रध्यक्षों के बीच दूसरी मुलाकात होने वाली है.
भारतीय मूल के लोगों से करेंगे मुलाकात
दो दिवसीय मिस्त्र के दौरे पर पीएम मोदी अल हकीम मस्जिद जाएंगे. यह मस्जिद 1000 साल पुरानी बताई जाती है. पीएम मोदी अपने मिस्त्र दौरे पर भारतीय मूल के लोगों से भी मुलाकात करने वाले हैं. इसके अलावा प्रधानमंत्री ‘इंडिया यूनिट’ के साथ भी संवाद करने वाले है, जिसका गठन मिस्त्र के राष्ट्रपति ने अपनी भारत यात्रा के बाद किया था. इस यूनिट में कई बड़े मंत्री शामिल हैं.
बाइलेट्रल ट्रेड बढ़ाने पर होगी चर्चा
मिस्त्र और भारत के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी जिसमें दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग एवं कारोबार के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की जाएगी.इस दौरान कई समझौतों पर भी हस्ताक्षर भी किए जाएंगे.साल 2021-22 में दोनों देशों के बीच ट्रेड 7.26 बिलियन डॉलर रहा था, जिसे अब दोनों देश 12 बिलियन डॉलर तक लें जाना चाहते हैं.
दोनों देशों की सेनाओं ने संयुक्त सैन्यभ्यास
मिस्त्र अफ्रीका के सबसे बड़े देशों में से एक है. यहां पर चीन धीरे धीरे पैठ बढ़ा रहे है.भारत में इसी बात से वाकिफ है , इसलिए भारत भी इस एरिए में अपना इनवेस्टमेंट बढ़ा रहा है. मिस्त्र भी चाहता है कि भारत इस इलाके में अपना मिलिट्री प्रेजेंस बढ़ाएं. दोनों देशों के बीच कई मिलिट्री डील्स की भी बात की जा रही है. मिस्त्र और भारत की सेना साल की शुरूआत में जैसलमेंर में संयुक्त सैन्यभ्यास भी कर चुकी हैं.