राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों में गुटबाजी दिखाई दे रही है। चुनाव की तैयारी में जुटी बीजेपी राज्य सरकार के खिलाफ लगातार धरना प्रदर्शन कर रही है, लेकिन इस धरना प्रदर्शन से बीजेपी के दो बढ़े नेताओं ने दूरी बनाए रखी है। ये हैं पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया ओर उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया शामिल हैं। जिसे लेकर कांग्रेस चुटकी ले रही है।
- विरोध प्रदर्शन से गायब रहे थे राज और पूनिया
- कांग्रेस ने साधा बीजेपी पर निशाना
- जयपुर जिले के बीजेपी कार्यकर्ताओं का था प्रदर्शन
- गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया प्रदर्शन को फ्लॉप शो
- कहा 2500 लोग भी शामिल नहीं हुए
- ‘बीजेपी की सभा में कुर्सियां खाली पड़ी थीं’
- राजे और पूनिया की गैरमौजूदगी पर तंज
- ‘इनके मतभेद ही नहीं मनभेद भी हैं’
हालांकि कांग्रेस भी सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच गुटबाजी और असंतोष का सामना कर रही है,लेकिन उसे विपक्षी दल की गुटबाजी में ज्यादा आनंद आ रहा है। दरअसल प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ बीजेपी ने जयपुर में हल्ला बोल प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन के दौरान कई ऐसे वाक्या हुए जिनका जिक्र पूरे दिन रहा। प्रदर्शन के दौरान सतीश पूनिया का गैर हाज़िर रहना चर्चा का विषय रहा।
पार्टी ने दिए थे सभी को मौजूद रहने के निर्देश
दरअसल यह प्रदर्शन जयपुर जिले के कार्यकर्ताओं को लेकर था। जिसमें पार्टी की ओर से जयपुर के सभी सांसद, विधायक, विधानसभा प्रत्याशियों को मौजूद रहने के निर्देश दिए थे। इसकी तैयारियां भी लंबे समय से चल रही थी। लेकिन उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए। इसे लेकर जब नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि पूनिया संगठन के काम से बाहर है। इसलिए प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए। लेकिन कांग्रेस इस पर चुटकी ले रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बीजेपी के प्रदर्शन को फ्लॉप शो करार देते हुए कहा 2500 लोग भी शामिल नहीं हुए। बीजेपी की सभा में कुर्सियां खाली पड़ी थीं। इतना ही नही प्रदर्शन में वसुंधरा राजे और सतीश पूनिया का मौजूद रहना यह साबित करता है कि इनके मतभेद ही नहीं मनभेद भी हैं।
महाजनसंपर्क में व्यस्त हैं राजे और पूनिया
यह अलग बात है कि सतीश पूनिया महाजनसंपर्क अभियान के तहत उत्तर प्रदेश की चार लोकसभा सीटों के दौरे पर हैं। तो वसुंधरा राजे को भी झारखंड की चार सीटों की जिम्मेदारी दी गई है। जिसके तहत राजे ने झारखंड के देवघर जिले में आयोजित महाजनसंपर्क अभियान की सभा को संबोधित किया। इसके बाद वे दुमका में सभा करेंगी।जहां से उनका बोकारो जाने का कार्यक्रम भी बन रहा है। लेकिन कांग्रेस इसे जानबूझ कर विरोध प्रदर्शन से दूरी बनाना बता रही है।