देश के 51वें CJI बने जस्टिस संजीव खन्ना, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

51 CJI Justice Sanjiv Khanna President Draupadi Murmu administered the oath

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस संजीव खन्ना को देश के 51वें चीफ जस्टिस के रुप में शपथ दिलाई।। सोमवार 11 नवंबर को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में उन्हें शपथ दिलाई गई। बता दें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ रविवार 10 नवंबर को सेवानिवृत्त हो चुके हैं। नए CJI जस्टिस खन्ना का कार्यकाल केवल 6 महीने का होगा। वे 13 मई 2025 को सेवानिवृत्त होंगे। सुप्रीम कोर्ट जज के तौर पर जस्टिस खन्ना ने अब तक करीब 65 फैसले लिखे हैं। इस दौरान वे करीब 275 बेंचों का भी हिस्सा रहे।

बता दें जस्टिस संजीव खन्ना के चाचा जस्टिस हंसराज खन्ना भी सर्वोच्च न्यायालय में जज रहे थे। हालांकि तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार की ओर से लागू की गई इमरजेंसी का विरोध करने पर उन्हें वरिष्ठ होने के बाद भी देश का चीफ जस्टिस नहीं बनाया गया था। बल्कि उनके स्थान जस्टिस एमएच बेग को तब इंदिरा गांधी सरकार ने CJI बनाया था। ऐसे में जस्टिस हंसराज खन्ना ने इस फैसले का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट जज से त्यागपत्र दे दिया था।

51वें CJI जस्टिस संजीव खन्ना

14 मई 1960 को जन्म

वकील के रुप में 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन हुआ

जस्टिस संजीव खन्ना की शुरुआत में दिल्ली के तीसहजारी परिसर में बनी जिला कोर्ट और उसके बाद दिल्ली उच्च न्यायालय और संवैधानिक कानून, मध्यस्थता, प्रत्यक्ष कराधान जैसे ट्रिब्यूनल्स में प्रैक्टिस कर चुके हैं। साल 2004 में दिल्ली के लिए स्थायी वकील सिविल के तौर पर उन्हें नियुक्त किया गया था। वे दिल्ली उच्च न्यायान में एडीशनल पब्लिक प्रोसिक्यूटर और एमिकस क्यूरी भी रहे। साल 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय में एडीशनल जज बनाए गए थे। इसके बाद 2006 में उन्हें परमानेंट जज बनाया गया। 18 जनवरी, 2019 को सुप्रीम कोर्ट जज के तौर पर जस्टिस संजीव खन्ना को पदोन्नत किया गया था। उन्होंने 17 जून 2023 से 25 दिसंबर 2023 तक सुप्रीम कोर्ट में कानूनी सेवा समिति अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी भी संभाली। वर्तमान में वे राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण कार्यकारी अध्यक्ष केे साथ राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी भोपाल के गवर्निंग काउंसिल के सदस्य के रुप में पदस्थ हैं। 51वें सीजेआई संजीव खन्ना का कार्यकाल 13 मई 2025 तक का होगा।

वकालत वाली विरासत

CJI जस्टिस संजीव खन्ना की विरासत भी वकालत वाली रही है। उनके पिता देवराज खन्ना दिल्ली हाईकोर्ट में जज थे तो चाचा हंसराज खन्ना सुप्रीम कोर्ट के जज थे। चाचा हंसराज खन्ना सुप्रीम कोर्ट के मशहूर जज थे, उन्होंने तत्कालीन इंदिरा सरकार की ओर से लगाई गई इमरजेंसी का विरोध किया था। इसके साथ ही उन्होंने राजनीतिक विरोधियों को बगैर सुनवाई जेल में डालने को लेकर भी नाराजगी जताई थी।

चाचा से प्रभावित होकर चुनी वकालत

देश के 51वें CJI के तौर पर शपथ लेने वाले जस्टिस संजीव खन्ना परिवार में अपने चाचा से बेहद प्रभावित थे। यही वजह है कि जस्टिस खन्ना ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर से 1983 में LLB की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद दिल्ली स्थित तीस हजारी कोर्ट से उन्होंने वकालत की शुरूआत की थी। फिर दिल्ली सरकार में आयकर विभाग और दीवानी मामलों के लिए स्टैंडिंग काउंसल यानी सरकारी वकील की जिम्मेदारी भी संभाली। साल 2005 में जस्टिस संजीव खन्ना को दिल्ली हाईकोर्ट में जज बनाया गया। इस पद पर वे 13 साल तक रहे। इसके बाद साल 2019 में उन्हें पदोन्नत कर सुप्रीम कोर्ट जज बनाया गया था।

(प्रकाश कुमार पांडेय)

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