50 सालों से चले आ रहे बोडो मुद्दे को लेकर हो रहे आंदोलन आखिरकार अब खत्म हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी ने सोमवार को ऐतिहासिक बोडो समझौते का स्वागत किया और कहा की यह समझौता बोडो लोगों के लिए अच्छे परिणाम वाला साबित होगा. सरकार के गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में सोमवार को इस आंदोलन को विराम दिया और समझौता किया गया. इस मौके पर शाह ने कहा है कि जिस मुद्दे को लेकर करीब 4 हजार लोागें ने अपनी जान दी आज उसका स्थायी सफल निदान हो गया है. समझौते के दौरान असम के सीएम सर्वानंद सोनेवाल भी शामिल रहे.
बोडो समझौते के बाद 1500 से अधिक सदस्य हिंसा का रास्ता त्याग कर मुख्यधारा में शामिल हो जाएंगे. समझौते के बाद भारत सरकार असल सरकार को 1500 करोड़ रूपये बोडो क्षेत्रों का विकास करने के लिए विशेष पैकेज देगी. साथ ही बोडो आंदोलन में मारे गए लोगों के परिवार को 5 लाख का मुआवजा भी दिया जाएगा.