देश आज 26 जनवरी 2024 को 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। यह हमारा राष्ट्रीय पर्व है। इस पावन मौके पर दिल्ली के कर्तव्य पथ मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया गया तो वहीं पीएम नरेन्द्र मोदी ने नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचकर देश के वीर शहीदों श्रद्धासुमन अर्पित की। गणतंत्र दिवस पर मुख्य समारोह में बतौर मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों शामिल हुए। बता दें इस बार गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम कई मायनों में खास है। पहली बार मिलिट्री बैंड की बजाय शंख नगाड़े की ध्वनि से परेड की शुरुआत की गई। विकसित भारत और भारत लोकतंत्र की . दोनों विषयों पर आधारित इस साल की परेड में करीब 13 हजार से अधिक विशेष अतिथियों ने हिस्सा लिया। यह एक ऐसी पहल है जिसमें समाज के सभी वर्ग के लोग इस राष्ट्रीय त्योहार में शामिल होकर उत्सव मनाते नजर आए। जन भागीदारी को प्रोत्साहित करने का अवसर भी मिला।
- मिलिट्री बैंड के बजाए शंख और नगाड़े से परेड की शुरुआत
- कर्तव्य पथ पर नारी शक्ति ने लहराया परचम
- मिलिट्री बैंड की बजाय गूंजी शंख नगाड़े की ध्वनि
- फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों रहे मुख्य अतिथि
- परेड में 13000 विशेष अतिथि हुए शामिल
- नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचे पीएम
- पीएम ने दी वीर शहीदों को श्रद्धांजलि
भारत ने 26 जनवरी 1950 को संविधान को अपनाया देश ने 26 जनवरी 1950 को एक संविधान को अपनाया था। जिसके तहत भारत को एक लोकतांत्रिक , संप्रभु और गणतंत्र देश घोषित किया गया। 26 जनवरी 1950 को सुबह 10 बजकर 18 मिनिट पर भारत एक गणतंत्र देश बना। इस के छह मिनट बाद 10 बजकर 24 मिनिट पर डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण की थी। हर साल की भांति इस बार भी गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के राजपथ जिसे अब कर्तव्य पथ कहा जाता है पर कुछ खास कार्यक्रम देखने को मिले। दिल्ली के कर्तव्य पथ पर देश की सांस्कृतिक विविधता में एकता के साथ अखंडता और सैन्य ताकत की झलक दिखाई दी।
भारतीय गणतंत्र को स्थापित हुए 74 साल पूरे हो गए। गणतंत्र की 75 वीं सालगिरह मनाई जा रही है। गणतंत्र का अर्थ होता है हमारा संविधान हमारी सरकार हमारे कर्तव्य हमारा अधिकार। इस व्यवस्था को हम सभी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ था और 26 जनवरी 1950 को भारत एक सम्प्रभु लोकतान्त्रिक गणराज्य घोषित हुआ। गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय पर्व है। यह दिवस भारत के गणतंत्र बनने की खुशी में ही मनाया जाता है। जिसे सभी जाति और वर्ग के लोग एक साथ मिलकर मनाते हैं।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने किया था 26 जनवरी 1950 को पहला ध्वजारोहण
भारत के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोहण किया था। इसके साथ ही भारत को गणतांत्रिक देश घोषित किया। इसे पहली बार 26 जनवरी 1950 को ही मनाया गया। इसके बाद से हर साल 26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं। देश के राष्ट्रपति लालकिले पर आयोजित होने वाले मुख्य गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। इसी दिन स्वतंत्र भारत का नया संविधान लागू किया गया था। हमें गणतंत्र दिवस के दिन अपने संविधान पर सार्थक चर्चा के साथ मंथन करने की महती जरुरत है। मौजूदा समय में संविधान के कई प्रावधानों की लोग अपनेण्अपने हिसाब से व्याख्या करते नजर आ रहे हैं। हमारा संविधान बताता है कि भारत के प्रत्येक नागरिक का यह मूल कर्तव्य होगा कि वह संविधान का अनुपालन करें। उसके द्वारा स्थापित संस्थाओं और आदशों का सम्मान करें। गणतंत्र दिवस के पावन दिवस पर सभी को खुले दिल से इन सब बातों पर गहनता से मंथन करना चाहिए , तभी इस इसकी सार्थकता सिद्ध कर सकते हैं।