Lok Sabha Election 2024:कांग्रेस ने 2024 के आम चुनावों को लेकर तैयारी शुरु कर दी है। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और अब हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है। यहां की सरकारों की ओर से लिये जा रहे जनहिततैषी फैसलों को 2024 की तैयारी के रुप में देखा जा रहा है। 2024 का मुद्दा यानी एजेंडा तय किया जाने लगा है। इस मामले में माना जा रहा है कि बीजेपी की ओर से अपना रास्ता लगभग तय कर लिया ही प्रतीत हो रहा है। वहीं कांग्रेस में विरोधाभाष भी नजर आ रहा है। कई फैसलों पर कांग्रेस की राज्य सरकारें अडिग नहीं रह सकीं। इस बीच हिमाचल प्रदेश में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने साफ तौर पर कह दिया है कि कर्मचारी वेतन के लिए 1 तारीक का इंतजार न करें।
- राज्यों के सहारे 2024 का एजेंडा सेट कर रहे राहुल गांधी
- कांग्रेस ने फिर किया किसानों पर फोकस
- कांग्रेस की सरकारों ने शुरु की चुनावी तैयारी
- राजस्थान में गहलोत सरकार ने की चुनावी तैयारी
- किसानों को पेंशन देने की तैयारी में राजस्थान सरकार
- छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार खरीद रही गौबर और गौमूत्र
राजस्थान में गहलोत सरकार ने हाल ही में कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम लागू की है। अब अटकलें हैं कि सरकार किसानों के लिए पेंशन ला सकती है। किसानों के लिए पेंशन का फैसला सरकार की कृषि कैबिनेट की बैठक में लिया जा सकता है। सरकार ने इसका पूरा मसौदा भी तैयार कर लिया है।
बता दें राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने 2018 में किसान कर्ज माफी का वादा किया था। सरकार बनी तो शुरुआती दौर में कर्ज माफी का लाभ कुछ किसानों को मिला भी,लेकिन इसके बाद उल्टे किसानों पर मुकदमे दर्ज होने लगे। अब सीएम अशोक गहलोत कृषि कैबिनेट की बैठक करने जा रहा है। सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने के बाद सीएम अशोक गहलोत एक और मास्टर स्ट्रोक खेल सकते हैं। राजस्थान में दूसरी बार अलग से कृषि बजट पेश किया जाएगा। जिसमें किसानों के लिए मासिक पेंशन की घोषणा की जा सकती है। अगर ऐसा होता है तो राजस्थान किसानों को पेंशन देने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा। अभी केंद्र की ओर से किसानों को ‘किसान सम्मान निधि’ के रूप में सालाना 6 हजार रुपए दिए जाते हैं।
गहलोत का दावा सरकार के खिलाफ नहीं है जनता
राजस्थान में कांग्रेस सरकार के चार साल पूरे हो चुके है। पिछले दिनों अपने संबोधन के दौरान सीएम अशोक गहलोत ने कहा था कि चार साल बाद भी राजस्थान की जनता राज्य सरकार के खिलाफ नहीं है। आमतौर पर हर जगह ऐसी स्थिति हो जाती है और लोग गलतियां निकालने लगते हैं लेकिन राजस्थान में स्थिति अलग है। राज्य सरकार के लिए इससे बड़ी उपलब्धि कोई नहीं हो सकती है। गहलोत ने अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूरे देश में सामाजिक सुरक्षा लागू करने की मांग भी दोहराई।
पुरानी पेंशन योजना पर क्या बोले गहलोत
गहलोत सरकार के 4 साल पूरे होने के अवसर पर जवाहर कला केंद्र में एक विकास प्रदर्शनी सहित जयपुर में कई सरकारी कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। पुरानी पेंशन योजना के बारे में बात करते हुए सीएम गहलोत ने कहा, ‘यह बहुत महत्वपूर्ण है कि जिसने 35 साल सरकार की सेवा की है उसे सुरक्षा मिले क्योंकि सामाजिक सुरक्षा के बारे में चिंतित होने का यह उच्च समय है।
छत्तीसगढ़ में सरकारी इमारतों में गोबर पेंट करवा रही भूपेश सरकार
वहीं छत्तीसगढ़ में सरकारी इमारतों में गोबर पेंट अनिवार्य कर दिया गया है। इसको लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निर्देश जारी किए हैं। साथ ही कहा है कि इसका उल्लंघन करने वाले अफसर पर कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने निर्माण विभागों के केमिकल पेंट का उपयोग करने पर नाराजगी जताई है। कहा कि पहले भी इसे लेकर निर्देश दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि गोबर पेंट का उपयोग ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण और पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगा।
स्व सहायता समूह बना रहे गोबर से पेंट
बता दें रायपुर के नजदीक हीरापुर जरवाय के गौठान में महिला स्व-सहायता समूह की ओर से गोबर से पेंट तैयार किया जा रहा है। फिलहाल समूह में 22 महिलाएं काम करती हैं। नया करने के लिए उन्होंने गोबर से पेंट बनाने का काम शुरू किया था। इसके लिए उन्होंने प्रशिक्षण भी लिया। पेंट बनाने की शुरुआत अप्रैल 2022 से हुई और अब तक तीन हजार लीटर पेंट बनाकर समूह की महिलाएं बेच चुकी हैं। गोबर से निर्मित पेंट आधा लीटर, एक, चार, और 10 लीटर के डिब्बों में उपलब्ध हैं।
गोबर के साथ गौमूत्र की भी हो रही खरीदी
गोधन न्याय योजना के तहत सरकार गौठानों में दो रुपये किलो में गोबर की खरीदी कर रही है। इससे वर्मी कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट और अन्य उत्पाद बनाए जा रहे हैं। गोबर से विद्युत उत्पादन और प्राकृतिक पेंट निर्माण की शुरुआत भी की गई है। योजना के तहत पिछले दो सालों में 380 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान गोबर विक्रेताओं को किया गया है। गोबर खरीदी और उससे तैयार किए जा रहे उत्पादों की बिक्री से ग्रामीणों की आय बढ़ी है। गोबर पेंट का उपयोग से ग्रामीणों को और फायदा मिलेगा। वहीं राज्य सरकार ने गोधन न्याय योजना के तहत इस साल से गौ मूत्र की भी खरीदी शुरू की है। अब तक प्रदेश के 96 गौठानों से 1 लाख 5000 लीटर गौ मूत्र 4 लाख 20 हजार रुपये में खरीदा जा चुका है। खरीदे गए गौ मूत्र से महिला स्व-सहायता समूहों ने 36 हजार 913 लीटर कीट नियंत्रक ‘ब्रम्हास्त्र’ और 19 हजार 765 लीटर वृद्धि वर्धक ’जीवामृत’ जैसे जैविक उत्पाद तैयार किए हैं। 13 लाख 64 हजार 771 रुपये का ‘ब्रम्हास्त्र’ और 5 लाख 98 हजार 464 रुपये का ’जीवामृत’ अब तक बेचा जा चुका है।