140 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिम्ब है नई संसद: पीएम मोदी

मोदी ने बताया किसके होंगे सपने साकार

लोकतंत्र के मंदिर नई संसद भवन का आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे विधि विधान के साथ लोकार्पण किया। इस मौके पर मोदी ने कहा कि ये संसद 140 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिम्ब है। उन्होंने सभी देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि सिर्फ भवन नहीं है बल्कि विश्व को भारत के दृढ़संकल्प का संदेश देता हमारे लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है।

मोदी ने बताया किसके होंगे सपने साकार

पीएम मोदी ने कहा कि नए रास्तों पर चलकर ही नए प्रतिमान गढ़े जाते हैं। आज नया भारत नए लक्ष्य तय कर रहा है। नए रास्ते गढ़ रहा है, नया जोश और नई उमंग है, नया सफर है और नई सोच है। दिशा नई है, दृष्टि नई है, संकल्प नया है औऱ विश्वास नया है। आज फिर एक बार पूरा विश्व भारत को भारत के संकल्प की दृढ़ता को और भारतीय जनशक्ति की जिजीविषा को आदर और उम्मीद के भाव से देख रहा है।नया संसद भवन सपनों को साकार करने वाला होगा। उन्होंने कहा कि नया संसद भवन पूरी दुनिया में भारत के विकास का आव्हान है। आज इस ऐतिहासिक अवसर पर संसद के नए भवन में पवित्र सेंगोल को स्थापित किया गया है। ये महान चोल साम्राज्य में सेंगोल को कर्तव्य,सेवा और राष्ट्र पथ का प्रतीक माना गया है।

गरिमा लौटाना सौभाग्य की बात

पीएम मोदी ने कहा कि पवित्र सेंगोल को स्थापित कर इसकी पवित्र गरिमा को लौटाना हम सबके लिए सौभाग्य की बात है। जब भी सदन की कार्यवाही शुरु होगी ये पवित्र सेंगोल हम सभी को प्रेरित करता रहेगा। इसके अलावा पीएम ने महाभारत का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें गणों और गणतंत्रों का उल्लेख मिलता है। हमने वैशाली के गणतंत्र को जीता है। तमिलनाडू में 900 इसवी का शिलालेख हम सभी को हैरान करता है। उन्होंने कहा कि भारत कभी बेहद समृद्ध राष्ट्रों में शुमार हुआ करता था। यहां के मंदिर,जलाशय और बांधों तक भारत का कौशल दुनिया को हैरान कर देता था। लेकिन सैकड़ों साल की हमारी गुलामी ने हमसे हमारा गौरव छीन लिया। लेकिन अब वही समय आ गया है कि अब दुनिया भारत की तरफ देखती है। संसद की नई इमारत इस प्रयास का जीवंत प्रतीक बनी। इसे देखकर हर भारतीय गौरव से भरा हुआ है। इस भवन में विरासत भी है और वास्तु भी है। कला भी है और कौशल भी है। संस्कृति भी है और संविधान के स्वर भी हैं।

श्रमिकों के योगदान की सराहना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन श्रमिकों का जिक्र किया जिन्होंने अपने परिश्रम से इस नए भवन को बनाने में योगदान दिया है। पीएम ने कहा कि संसद भवन ने 60 हजार श्रमिकों को रोजगार देने का काम किया है। इनके श्रम को समर्पित एक डिजिटल गैलरी बनाई गई है, विश्व में ये शायद पहली बार हुआ हो। संसद के निर्माण में उनका योगदान भी अमर हो गया है। कोई एक्सपर्ट पिछले 9 साल का आकलन करे तो ये 9 साल भारत में नव निर्माण और गरीब कल्याण के रहे हैं।

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